हिंदी शायरी लिखा हुआ | अच्छी शायरी | हिंदी में शायरी
हकीकत के पर्दे में झूठ का गुल कब तक खिलाते रहोगे पर्दा हटते ही सच्चाई दिख जाएगी बेईमानी की बुनियाद लगाना छोड़ दो इस तरह ख्वाबों का आशियाना न बन पाएगा
हौसला बुलंद कर लो बहुत मुश्किलों से लड़ना है अभी तो सफर शुरू हुआ है धीरे-धीरे जिंदगी की असलियत तक पहुंचना है
यह सच है भरोसे पर दुनिया कायम है कुछ बिगड़े हुए इसका नाजायज फायदा उठाकर विश्वासघात करते हैं समाज में विसंगतियों की बुनियाद खड़ी कर रहे हैं शिक्षा और अच्छा संस्कार हर इंसान को मिले सभी कुरीतियां भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा
खामोश रहकर न्याय का इंतजार करता रहूंगा क्या करूं मजबूर हूं अपनी बेगुनाही का सबूत मेरे पास नहीं है अब खुदा के हाथों में इनायत छोड़ दी है
हर एक बिगड़े हुए को सुधारना पड़ेगा सच्चाई के रास्ते पर चलना पड़ेगा मनमानी करने की छूट नहीं मिलेगी सही नीति नियम पर काम करना पड़ेगा