लव शायरी संग्रह
तुम्हें भी मेरी लत लग जाए दीदार में मेरा हर वक्त गुजर जाए जो अधूरी ख्वाहिशें हैं इसमें इश्क का चार चांद लग जाए
दूरियां मिटने लगी है अब कोई मजबूरियां नहीं है हम दोनों की चाहते मेल खाने लगी है वह हर मुलाकात पर नजदीक आने लगी है
जब से मिली नजर दिल पर ऐसा हुआ असर उसकी यादों में डूब गए वह रही बेखबर मैं एक तरफा मोहब्बत करता रहा अधूरी ख्वाहिशों में जलता रहा अपने आशिकी का सहर
जो रूठने मनाने का सिलसिला चलता रहा इसमें और प्यार पनपता रहा उसको कभी दिल से जुदा नहीं किया छोटी मोटी नोकझोंक होती रही प्यार परवान चढ़ता चला गया
दिल की ख्वाहिश है इजहार मोहब्बत हो जाए हर खुशी मिल जाएगी जो स्वीकार मोहब्बत हो जाए मेरे हर पहलू में शामिल हो ऐसा रिश्ता जुड़ जाए
मुझे इश्क की लत कुछ यूं लग चुकी है हर वक्त दीदार की बेताबियां रहने लगी है इंतजार करना मुश्किल हो गया है रूह बेहद प्यार करने लगी है
अपना बनाया है दिल में बसाया है मुझे पराया न समझा करो यह रिश्ता आखिरी सांस तक जाएगा बेवजह रुख मोड़कर इधर-उधर ना भटका करो
इश्क में तकदीर आजमाने लगा हूं तुम्हारी मीठी मीठी बातों में अपनी चाहतों का ख्वाब चुराने लगा हूं अब मन की मुराद पूरी हो जाएगी हर कदम सही दिशा में बढ़ाने लगा हूं
तुम्हारी प्यार भरी बातों की गहराई में डूब गया लगता नहीं कहीं मन इश्क की शहनाई में डूब गया जो तुम हमसफर बन जाओगी जीवन सुखमय हो जाएगा अधूरी ख्वाहिश में भटका हूं हर काम सफल हो जाएगा
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