Love shayari जिंदगी भर जिसे अपना समझने की भूल करता रहा वो गैरों सा रुख मोड़ कर गए हैं अब हर मंजर में सिर्फ तन्हाई है दर्द बताना मुश्किल हो गया है किस हाल में छोड़ कर गए हैं जी जान से जुड़ चुका हूं तुम्हें अपनाने में अब कौन सा प्यार ढूंढ रही हो इस दीवाने में मैंने माना कुछ वक्त पहले अजनबी थी नजर से नजर मिली थी अनजाने में जिंदगी भर वफा की तलाश में रह गए हम ऐसे बेवफा के प्यार में रह गए
बेवफा शायरी इन हिंदी | Bewafa Shayari in Hindi | Bewafa Shayari Hindi mein | shayari Sangrah रह-रहकर टीस उठती है बेवफा होने का कारण जानना चाहता हूं मुझे बेकसूर सजा मिली है आखिर किस लिए अपनी गलतियों पर एक नजर डालना चाहता हूं अब घुट घुट के जीने की आदत हो गई है जिसके लिए दिलो जान निछावर किया वह मेरे लिए आफत हो गई है मुझे अधूरी मोहब्बत की तड़प बर्बाद किए जा रही है